सच लिखना
सच लिखना
जो भी लिखते हैं सच ही लिखते हैं,
झूठी कहानियां लिखने का शौक़ नही हमको,
सच लोगों को बर्दाश्त नही होता
झूठ को वाह वाही मिलती है
सतयुग का ये दौर नही कलयुग है यह
झूठ का बोल बाला है,
झूठ सब को लगता बड़ा प्यारा है,
झूठ की शिक्षा तो नही मिलती हमको कहीं से,
फिर ये झूठ बोलने की कला सबको कहाँ से आती है
ये हम आज तलक ना जान पाए,
सच को अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है
झूठ हार कर भी जीत जाता है,
सत्य की क्यों होती हार है,
सत्य को कितनी मुश्किलो से गुजरना पड़ता है ।
