सौगात
सौगात
मंत्र मृदुलता का
हम
दुहराते नहीं,
झूठे
आवरण
को
हम ओढ़े
फिरते हैं !
आशा
करते हैं
हमें सब
आदर दें,
सम्मान दें,
मेरी प्रतिभाओं
को सराहें !
पर ये बातें
दो धारी तलवार है,
ह्रदय को
भेदने वाला
कटार है !
दूसरे लोग
भी यही
चाहते हैं,
हरेक के चाहने
पर द्वन्द
होता है,
एक नये
तनाव
का सृजन
होता है !
हम टूटकर
बिखर जाते हैं,
समाज से
दू....र
चले जाते हैं !
हम
यदि दूसरों को
मान और सम्मान देंगे,
लोगों को प्यार
का पैगाम
देंगें !
वे हमें
सर पे
बिठा
सम्मान देंगे,
प्यार से ही प्यार
प्यार की
सौगात देंगे !
