"सैनिक का वादा"
"सैनिक का वादा"
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एह़सास है मुझे तुम्हारे दर्द का,
निभाना है मुझे पर अपना फर्ज।
चुकाना है मुझे हर हाल में
जननी जन्मभूमि का कर्ज।।
समझोगी तुम मुझे ये है यकीं,
क्या है जरूरी देशभक्त के लिए।
तुम करो भरोसा अपने प्यार पर
बस करता हूं तुमसे मैं यही अर्ज।।
लक्ष्य तेरा-मेरा एक ही रहा सदा।
बेशक राहें हों हमारी जुदा-जुदा।
एहसा़सों को जियेगें हम साथ-साथ।
फिर सतायेगा नहीं तुम्हें कोई मर्ज।।
आऊंगा मैं लौटकर वादा रहा।
निभाऊंगा जो वचन तुझको दिया।
विरह की वेदना को भी मिलेगा संबल।
बस अभी मां को है मेरी गर्ज।।