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Shubham Rawat

Abstract Others

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Shubham Rawat

Abstract Others

साया

साया

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हार-हार के अब थक चुका हूँ मैं 

बस एक मुस्कान ने मुझे हिम्मत दी है 


मैं देखता हूँ, जब खुश लोगों को

मेरे दिल में जलन सी होने लगती है 


मैं क्या करूँ, मेरे अपने मुझसे ना रुठे

मैं कुछ भी कहता हूँ, वो दिल से लगा देते हैं


मेरे साया भी मुझे डरा देता है 

जब अंधेरे में वो भी साथ छोड़ देता है


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