सावरकर क्या हैं ?
सावरकर क्या हैं ?
तेजोमय पुंज और तप की पहचान हैं,
यातना की अति मे ,पराक्रम की मिसाल हैं,
व्यक्ति नहीं विचार हैं,
चिंगारी नहीं ज्वाला हैं,
सीमित नहीं विस्तार हैं,
क्रांति की वह मशाल हैं,
मन वचन और कर्म का
व्यक्तित्व, कृतित्व और कवित्व
का,
कविता और क्रांति का,
अद्भुत संयोग हैं,
विचारों में उनके ऊँचाई है,
तो गहराई भी,
उद्वेग, आवेग और संदेश था ,
यदि कविताओं में,
तो स्वतंत्रता का लक्ष्य था उनकी क्रांति में,
उनके जीवन का क्षण - क्षण,
उनके शरीर का कण - कण,
मातृभूमि के लिए था, सर्वस्व समर्पण,
थे प्रखर राष्ट्रवादी,
तो समाज के शिल्पकार भी,
सामाजिक विकृतियों के विरुद्ध योद्धा भी,
हिन्दुत्व के नायक भी,
हम बिन्दु , पर सावरकर तो सिंधु हैं,
हम कण , पर सावरकर तो हिमालय विशाल हैं,
पर यह बिन्दु भी तो सिंन्धु का ही जलांश है,
इस कण में भी तो हिमालय विद्यमान है,
ऐसे वीर सावरकर हम सबका अभिमान हैं।।