।।सावन का झूला।।
।।सावन का झूला।।
राधा कृष्ण का साथ सुहाना
मिलकर सावन का गाएं तराना
मन में खुशियाँ अपार हुई हैं
सुख संगम का मिला खजाना
लता फूल की डोर बनी है
बाग में सुंदर छटा घनी है
राधा कृष्ण संग झूल रही है,
जोड़ी सुंदर सुघड़ बनी है
राधा संग में सखियाँ आई
सुंदर मेहँदी हाथ रचाई
रंग बिरंगी पहन चुनरिया,
संग झूले राधा कृष्ण कन्हाई
रिमझिम बारिश मस्त फुहार
फूलों की है अजब बाहर
कोयल गा कर राग सुनाए
राधे राधे जय कृष्ण मुरार
कोयल की है कूक सुहानी
नाचे मोर बन के मस्तानी
कारे कारे बदरा नभ में छाए
रिमझिम रिमझिम बरसे पानी
सखियाँ सब हिल मिल गाएं
ऊंची ऊंची खूब पेंग बढ़ाएं
सज धज कर नये परिधानों में
कजरी और गीत मल्हार सुनाएं ।