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Dr Manisha Sharma

Inspirational

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Dr Manisha Sharma

Inspirational

साथ साथ

साथ साथ

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वो मेहनत के सिक्के 

जो खनकते हैं तुम्हारे बटुए में

उसमें कुछ बूंदे पसीने की

मेरी भी जोड़ लेने दो प्रिये


सारे सुख छोड़ भूल कर

हर पल ख़ुद को थकाते हो

उस थकन की मीठी नींद के 

कुछ सुनहरे से सपने


मुझे भी बुन लेने दो प्रिये

अर्धांगिनी कहते हो मुझे

तो सुख ही क्यों बाटूं मैं

दुःख की कुछ बदलियाँ


मुझे भी बाँटने दो प्रिये

मेरा वादा है तुमसे 

कदम से तुम्हारे 

कदम मिलेंगे मेरे

और एक एक जुड़कर 

हम ग्यारह बन जाएंगे।


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