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साथ-साथ चलता रहा

साथ-साथ चलता रहा

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जिन्दगी में गम ही साथ चलता रहा |

गम ही आया, वही खूब पलता रहा |


दूर खड़ी, खुशियां देखती रही हमें |

गम ही साथ, शिद्दत से पिघलता रहा |


देखकर चांद को रात गुजरती रही |

वो भी धीरे-धीरे, रूप बदलता रहा |


कशमकश दिन भर की जाती रही |

दिन निकला मगर, दिन ढलता रहा |


गुजारिश करती रही जिन्दगी मेरी |

राह अपनी ही धुन में वो चलता रहा |


तेरा जुनून किसी नशे से कम नहीं |

देख कर दूर से भी ये बहलता रहा |


मेरे वजूद की कोई परवाह नहीं की |

होने को खरा, तपा और जलता रहा |


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