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आशा दिनकर

Drama

4.0  

आशा दिनकर

Drama

कुछ अजीब से रिश्ते

कुछ अजीब से रिश्ते

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पल नहीं जिसमें तू शामिल नहीं है |

जिन्दगी में नहीं है, पर उससे कम नहीं है ||


राह-ए-गर्दिश के अपने थे अन्दाज-ए-बयां |

जो सोच लूं तुझे, तो कोई गम ही नहीं है ||


बहती रहे नदिया सी, अविरल ये जिन्दगी |

रहे साहिल का साथ भी, कम तो नहीं है ||


तन्हा तो हम, तनहाइयों में भी नहीं रहते |

है यादों की महफिल कोई कम तो नहीं है ||


जाने कैसा है कब्जा, इस मासूम दिल पर |

खबर है तुझे, या अब भी खबर नहीं है ||


अहसासों के होते हैं, कुछ अजीब से रिस्ते;

मानो तो सब कुछ, वर्ना कुछ भी नहीं है ||


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