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Ratna Kaul Bhardwaj

Abstract Inspirational

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Ratna Kaul Bhardwaj

Abstract Inspirational

साल

साल

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साल न जाता है, न आता है

गर कुछ है तो घड़ी की सुइयों का एक चक्रव्यूह

जो समय को

न कभी बांध सका न बांध सकेगा.

समय का बीत जाना ही

सृष्टि की अहम और अनोखी सच्चाई है।

ब्रह्मांड कहां तारीखों से बंधा है।

चांद, सितारे, नक्षत्र

अपनी लय में घूम रहे है,

चांद, सूर्य कभी छुपते नहीं

बस छोर बदलते हैं,

इंसानी तारीखों में इंसान को

उलझाए रखते हैं।

समय पल पल भीत जाता है

गर कुछ अटल है, वह है

जीवन से मृत्यु तक का सफर,

फिर चोला बदल कर

उसी प्रतिक्रिया में जनम पर जनम!

बस यही एक अटल सच्चाई है।

बीते हुए लम्हों से कुछ सीखें,

आने वालों को ज़रा और सार्थक बनाए,

वहीं सफल जीवन का सही उद्देश्य है।



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