साहित्य और समय
साहित्य और समय
समय परिवेश प्रवाह
वर्त्तमान दृष्टि दिशा मार्ग।।
साहित्य भाव प्रधान
झरना झील नदियां
सिंधु समागम नित्य
निरंतता अक्षुण अक्षय उजियार।।
शब्द ओज ओजस्वी
जन जन मन आनंद
अनुराग राष्ट्र चेतना क्रांति ।।
वैचारिक मंथन अमृतपान
अभिव्यक्ति जन जन का
आवाहन नित्य निरंतर
संस्कृति सांस्कार।
वर्तमान जन मन की
अभिव्यक्ति नित्य निरंतर
जीवन कल्पना का
संसार यथार्थ।।
युग सृष्टि दृष्टि सत्यार्थ
महायज्ञ पल पल जीवन
अनंत ईश्वर सत्य प्रदत्त
आचरण व्यवहार
प्रतिविम्ब प्रकाश।।
