कदम कदम पे धोखा
कदम कदम पे धोखा
कदम-कदम पे धोखा,
कदम-कदम पर प्रेम
कदम-कदम पर शत्रु,
कदम-कदम पर मित्र!!
पल-प्रहर बढ़ता चढ़ता,
कदम संसार दृष्टि-दोष
कदम-कदम, कदम पर
मिथ्या प्रपंच,
कदम-कदम पे सफल
शिखर उत्कर्ष जीवन कि
सच्चाई, भाँति-भाँति के
शत्रु संग!!
साथ परछाईं धर्म, कर्म,
आस्था, भाव के मिलते
ठग, कदम-कदम!!
कदम-कदम पे रहता
जो सजग सतर्क
जीवन का कटु सच
प्रतिस्पर्धा,प्रतियोगिता
एक-दूजे से आगे
बढ़ने का घिनौना होड़!!
धैर्य नहीं है, ध्येय बहुत है,
शक्ति, साहस, सत्ता पता
नहीं स्वयं ब्रह्माण्ड
मापने का संकल्प,!!
कदम-कदम पे
परिहास सर्वत्र!!
कदम-कदम पे नहीं
भाग्य-संयोग!!
कदम-कदम पे योग्यता,
दक्षता, ज्ञान, विज्ञान,
वर्तमान मानव सद्कर्म!!
- नंदलाल मणि त्रिपाठी, पीतांबर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश!!
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