प्यार बांटते चलो - भाग -2
प्यार बांटते चलो - भाग -2
दौलत अक्ल
शक्ल से अलग दिल
दुनियां दौलत बुनियाद!!
प्यार बाँटते चलो
ज्योति से ज्योति
दिया से दिया जलाते
कहते यही है सूरज सच
बुनियाद!!
जिंदगी मिल्कीयत नहीं
ना जाने कितने मुकाम
इम्तेहान से गुजरे
तमाम हालत हालात से
लड़ते किसी भी मुश्किल में
प्यार मोहब्बत क़ो ही रखते
हाथ साथ हद हथियार!!
ना टूटते ना झुकते इंसान
इंसानियत जिगर जान
समझते जाने कितनी ही
जिंदगी कारवाँ गुजर गए!!
तब कही जाकर वक़्त
ईमान इंसान का चोगा
चोला मिला क्यों बेमतलब
जाया करते ऐ इंसान!!
कायनात मे प्यार बांटते
चलो हुजूर कि हिदायत
जिंदगी का फलसफा
शानदार!!
दुनियां में जिंदगी का
सार बस प्यार खुदाई
दिल दामन का प्यार
इंसानियत का परिवार!!
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश!!
