सागर की सुराही
सागर की सुराही
सागर की सुराही हाथों में
पैमाना है खाली खाली
तेरे ही पहलू में जिंदगी है
फिर भी दामन खाली खाली।।
सावन के सुहाने मौसम में
दीवानों की मंज़िल हुस्न की
महफ़िल खाली खाली।।
सागर की सुराही हाथों में
पैमाना है खाली खाली
तेरे ही पहलू में जिंदगी है
फिर भी दामन खाली खाली।।
ठंडी हवा के झोंके उड़ती
जुल्फों के साये परवानों
के पैमाने से झलकता पैमाना
है खाली खाली।।
सागर की सुराही हाथों में
पैमाना है खाली खाली
तेरे ही पहलू में जिंदगी है
फिर भी दामन खाली खाली।।
चाँद छुपा है बादल में हुस्न इबादत
की मल्लिका की खुशबू है फ़िज़ाओं
में मस्त बहारों का मौसम है
दीवानों का दिल है खाली खाली।।
सागर की सुराही हाथों में पैमाना है
खाली खाली तेरे ही पहलू में जिंदगी
है फिर भी दामन खाली खाली।।