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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

"रुला गया राजू"

"रुला गया राजू"

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रुला गया सबको राजू

हास्य,कॉमेडी का काजू

तुम्हे देश याद कर रहा है

बहाकर बड़े-बड़े आंसू

हास्य की चमक बिखेरी

वाह क्या खूब तूने घनेरी

आज तेरे जाने पर राजू

दुःखी है,हिन्द समाजू

सबके मोबाइल में लगा,

हार्दिक श्रद्धांजलि राजू

तू भी ऐसा कुछ कर,काकू

तेरे चले जाने पर,साखू

याद करे लोग आजू-बाजू

न बन फिझुल तू लड़ाकू

हंस और हंसा लोगो को

हास्य में है,आंनद तराजू

फिर देख,हंसने का जादू

तेरा क्रोध होगा,तेरे काबू

खत्म होंगे,छिपे हुए डाकू

बनेगा बिजली तू कड़ाकू

एक बार सच्ची हंसी तू,

छोड़ साखी प्रपंच टापू।



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