रत्नों की खान
रत्नों की खान
रज कण है माथे का चंदन, भारत भूमि रत्नों की खान।
जन जन करते माँ का वंदन , चेहरे पर खिलती मुस्कान।
मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर, करते हैं हृदय से सम्मान।
भारत माँ की रक्षा के खातिर , हम दे देंगे अपनी जान।
आँच न आने देंगे कभी इस पर, बनी रहेगी देश की शान।
प्रगति पथ पर बढ़ते चले, आओ भर ले ऊँची उड़ान।
देश सेवा सबसे बड़ा धर्म, बढ़ती रहे इसकी आन बान।
विश्व में इसका परचम लहराए , गाए सभी गौरव गान।