हम हैं
हम हैं
निकल तो पड़ी हो अकेले सफर पे
नहीं भूलना तुम मगर साथ हम हैं
हों कठिनाइयाँ चाहे जितनी डगर में
ये एहसास रखना कि हम हमकदम हैं
अकेले तुम्हें माना चलना पड़ेगा
नए हमसफ़र राह में पर मिलेंगे
निशाने से नज़रें हटाना नहीं तुम
भटकने के मौके हज़ारों दिखेंगे
अगर धूप तुमको सताए कभी तो
रहे याद पीपल की छाया से हम हैं
हों कठिनाइयाँ चाहे जितनी डगर में
ये एहसास रखना कि हम हमकदम हैं
थी नन्हीं सी तुम आज लेकिन बड़ी हो
मुकाँ हैं वो मुश्किल जो पाने चली हो
रखो हौसला और हिम्मत भी पूरी
मिलेगा सभी कुछ जो मेहनत सही हो
अँधेरे अगर मुश्किलों के जो घेरें
न घबराना दीपक बने साथ हम हैं
हों कठिनाइयाँ चाहे जितनी डगर में
ये एहसास रखना कि हम हमकदम हैं
सफलता तुम्हें एक दिन सब मिलेगी
ये दुनिया तुम्हारे कदम चूम लेगी
चकाचौंध में अपना आपा न खोना
ये माया नहीं साथ हिम्मत रहेगी
जो थकने लगो तुम कभी इस सफर पर
तो तुम लौट आना यहीं घर पे हम हैं
हों कठिनाइयाँ चाहे जितनी डगर में
ये एहसास रखना की हम हमकदम हैं।
