रोना जरूरी है
रोना जरूरी है
हंसना जैसे जरूरी है,सेहत के लिये
वैसे ही रोना जरूरी है,जिंदगी के लिये
बिना ठोकर खाये,दिखती न सही राहें
ठोकर खाना जरूरी है,संभलने के लिये
कोई जग फूलों की चाहत करता है
हम जग में शूलों की चाहत करते है
शूल जरूरी है,फूलों की हिफाज़त के लिये
हंसना जैसे जरूरी है जिंदगी के लिये
वैसे ही रोना जरूरी है,जिंदगी के लिये
बिना अंधेरे के रोशनी की जरूरत नही,
अंधेरा भी जरूरी है,एक दीपक के लिये
जैसे दिन जरूरी कर्म करने के लिये
वैसे ही रात भी जरूरी है,सोने के लिये
वही शख्स यहां पे ऊंचे लक्ष्य को पाता है,
जिसे गिरने के साथ उठने का हुनर आता है
एक असफलता भी होती जरूरी है,
सफलता की सीढ़ी प्राप्त करने के लिये।