आसमां तक आ गया हूँ
आसमां तक आ गया हूँ
सीढ़ियाँ चढ़ता गया हूँ,
आसमां तक आ गया हूँI
इस बुलंदी के लिए मैं,
वक़्त से टकरा गया हूँI
मुश्किलों को ठोंक कर मैं,
सामने बढ़ता गया हूँ।
राह कितनी भी कठिन हो,
मैं सदा चलता गया हूँ।
जिसकी ख़्वाहिश थी हमेशा,
मैं वो मंज़िल पा गया हूँI
