संकल्प न माने हार
संकल्प न माने हार
गिरना और सम्भलना दोनों
शाश्वत सत्य अपार,
अथक प्रयत्न से ही होगी
जग में जय जयकारI
भर कर दृढ़ संकल्प मन में
उठे दीर्घ हुंकार,
तेरी छोटी देह भी कर दे
अद्भुत लक्ष्य साकारI
राह में आती बाधाओं से
तू न जाना हार,
तेरा सतत प्रयत्न करेगा
हर बाधा को पारI
अपने लक्ष्य पर अविचल दृष्टि
तुझको देगी तार,
दुरूह परिस्थितियों की ये चुनौती
कर ले तू स्वीकारI