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LALIT MOHAN DASH

Abstract Inspirational

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LALIT MOHAN DASH

Abstract Inspirational

रोज रोज कविता लिखना

रोज रोज कविता लिखना

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आजकल रोज रोज कविता लिखना

फिर बार बार वही लफ्ज़ जैसे

प्यार ,सपने ,यादें ,दिल ,धड़कन ,सांसे

चांद ,तारें ,बहारें ,गुलाब ,झरने सागर

को लिखना ,लिखते रहना

कभी कभी ये बड़ा अजीब सा लगता है मुझे


सच तो है कि बिन लिखे कविता

अब मुझसे रहा नहीं जाता

बड़ा खाली खाली लगता है यार !


लगता है भरे दो पहर में आसमान जैसे

कोहरा हो गया है, हवा रुकने लगी है

रात के आसमान से चांद और तारे

एक साथ कहां गायब हो चुके हैं ,ऐसे कुछ ...


फिर जब में जैसे भी हो 

एक कविता लिख लेती हूं ,तो लगता है

सबकुछ में फिर रंग आ गया है

नीला आसमान ,चांद ,तारे ,हवा ,बहारें

सबकुछ सही सलामत हो गए है

और बहारें मुझे पास आने को इशारे दे रहे हैं


यारों ! मेरे लिए कविता लिखने का मतलब 

प्यार में जीना है ,सबको प्यार करना है

अपने अंदर एक प्रेमी को जिंदा रखना है


और ये प्यार कभी पुराना नहीं होता

वक्त बदलने के साथ बदल जाता है 

उसका बाहरी रंग रूप 

पर उसका मधुर अहसास ऐसे ही रहता है


ऐसे ही कविता कभी पुरानी नहीं होती

बार बार लिखने पर भी वही ताज़ा रहती है

दिल में आनंद जगाती है ,ब्रह्म स्वरूपा....



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