रिश्तों की चाहत
रिश्तों की चाहत
दर्द के सफ़र में
ज़रा हमसफ़र
बनकर तो देख
क़सम-ए-लफ्ज़ जुबा कि
हम दिल का
दरिया कर देंगे।
अगर,
मिला सको हाथ
और चल सको तो
ज़रा साथ
चल कर तो देख
तेरे इश्क की,
चौखट पर
हम जीने का
जरिया कर देंगे।।
दर्द के सफ़र में
ज़रा हमसफ़र
बनकर तो देख
क़सम-ए-लफ्ज़ जुबा कि
हम दिल का
दरिया कर देंगे।
अगर,
मिला सको हाथ
और चल सको तो
ज़रा साथ
चल कर तो देख
तेरे इश्क की,
चौखट पर
हम जीने का
जरिया कर देंगे।।