STORYMIRROR

Kunwar Yuvraj Singh Rathore

Others

4  

Kunwar Yuvraj Singh Rathore

Others

शराब और शराबी

शराब और शराबी

1 min
24.4K

देखो वो कौन आई, 

दरवाज़े पर खड़ी वो ताक रही। 

चुप-चुप के मुझे वो झांक रही, 

देखो वो कौन आई, 

अंधेरे में रोशनी बन आई। 

साथ में मधुर मधुशाला लाई, 

हम जीवन में मस्त मुग्ध जीते।

भर भर कटोरा मधुशाला पीते। 

आह! से उपजा होगा ज्ञान, 

हमें तो बस मधुशाला का भान। 

मैं नहीं अकेला ये जान लिया, 

देश भी पीता सब ये मान लिया। 

पीने से कोई ग़म नहीं भाई, 

देखो वो कौन आई। 

साथ में मधुर मधुशाला लाई। 


ढोती भार देश के धेनका, 

ये मधुशाला है एक मेनका। 

पीया मैंने कौन सा गुनाह किया,

जो सच ज़हन में था, 

आज वो जुबां पर आया है। 

ये मधुशाला है मेरे लाला, 

दुःख दर्द का करती आला। 

पीने के लिए मैं सब छोड़ दूँ ,

मधुशाला का प्याला भर मैं फोड़ दूँ।


नशे में लुप्त वो आनन्द लाई, 

देखो वो कौन आई।

साथ में मधुर मधुशाला लाई। 

ये अलग-अलग सा रंग बनाती, 

बन्ना पीये आंखों में आती। 

रंग दिखाती शूर चढ़ाती,

खड़-खड़ करती वीर भड़ाती। 

और पीये तो आला जैसी, 

मेरे लिए तो माला जैसी। 

न पीये वो मन काला है, 

ये हाला हैं मधुशाला है। 

रंग कटोरा भर वो लाई, 

देखो वो कौन आई। 

साथ में मधुर मधुशाला लाई, 

देखो वो कौन आई।।


Rate this content
Log in