Patience of Love
Patience of Love
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कुछ गुलसिते अरमान के,
दिल में बसाया नहीं करते।
रुक जा ऐ सितम ,सब्र कर,
अब इस तनहा दिल को,
और सताया नहीं करते।
कुछ ख़ामोशियां भी जिंदगी में,
बड़े हूर से लफ़्ज़ों को पालती है।
बस तू राह देख अर्ज़ ऐ गुलाब की,
इन लफ़्ज़ों को दिल का दर्द ,
बताया नहीं करते।
दिल में है अगर नज़्म ऐ मोहब्बत,
तो उसे क़ासिर से जताया नहीं करते।।
✍🏻 Author ✍🏻
Kunwar Yuvraj Singh Rathore
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