रिश्तो से खिलवाड़
रिश्तो से खिलवाड़
सुनो आज एक अजब रिश्तो की गजब कहानी,
जिसमें थी एक रितु नाम की नारी,
कुछ अबला कुछ सबला थी,
खट्टी- मीठी थी उसकी जिंदगी से यारी,
आया एक छलिया जीवन में,
छल ही छल था जिसके मन में,
बहन मिली थी उसके संग में,
था दोनों का टांका पहले से,
पता चला शादी के कुछ महीने में,
रो-रो करती थी वह बखान,
सुनने वाले सुन लेते थे, देते नहीं थे ध्यान,
हारकर नवंबर महीने में,
छोड़ गई वह यहां संसार,
मिटा दिया उसका लिखा इतिहास,
देखो विडंबना हे!भगवान,
चुरा लिया बहन ने उसका श्रृंगार सारा
जो देते थे संस्कारों की दुहाई,
उन मां-बाप ने चोरी में पूरी मदद निभाई,
क्यों है फिर ऐसे लोगों का मान बढ़ा,
देख ऊपर से यह सब नजारा,
मरता है बार-बार वह सितारा,
इतिहास वापस आता है,
जो किया है वह इंसान यहीं पाता है,
खत्म नहीं यह कहानी है,
दोबारा लौटकर फिर ये आनी है।।
