इंसा हो इंसा ही बने रहो, नियति तूने सबक सिखाया। इंसा हो इंसा ही बने रहो, नियति तूने सबक सिखाया।
जो करे दूध का दूध और पानी का पानी। जो करे दूध का दूध और पानी का पानी।
कैसा अजब ही रंग मन मेरे अब तो तजो कुसंग। कैसा अजब ही रंग मन मेरे अब तो तजो कुसंग।
सांसे महफ़ूज होती हैं मन -तन में बड़ी अजब लड़ाई है ये जनाब सांसे महफ़ूज होती हैं मन -तन में बड़ी अजब लड़ाई है ये जनाब
तुम आज फिर याद आ गए तुम आज फिर याद आ गए
न ले परीक्षा मोम की नहीं नारी है दीपशिखा। न ले परीक्षा मोम की नहीं नारी है दीपशिखा।