फिर याद आ गए
फिर याद आ गए
तुम आज फिर याद आ गए ,
दिल ~ए ~मस्ती के ....
इस जुनून में छा गए ,
तुम आज फिर याद आ गए |
बहुत दिनों से रोक रखे थे ,
ये दिल ~ए ~अरमान ,
तुम्हारे एक इशारे पर मुस्कुरा गए ,
तुम आज फिर याद आ गए |
सोचा था छोड़ देंगे अब ,
वो शबे ~ए ~रात की मस्ती ,
तुम्हारे बुलाने पर ये फिर गहरा गए ,
तुम आज फिर याद आ गए |
इस ज़िस्म के मिलन की भी ,
है एक अजब कहानी ,
तुम्हारे आने से इसके अंग भी शरमा गए ,
तुम आज फिर याद आ गए |
साँसें गर्म होकर तेज सी होने लगीं ,
तुम्हारे एहसासों की गर्मी से पिघलने लगीं ,
तुम अपने होने का इत्र छिड़का गए ,
तुम आज फिर याद आ गए ||
