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Sushma Parakh

Tragedy

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Sushma Parakh

Tragedy

मानवीय गुणों की माला

मानवीय गुणों की माला

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शिष्ट इंसान वो है जो अपनी गलती मान ले,यदि खुद ग़लत हैं तो उस गलती को वो स्वीकार ले ,जो गलती करके भी अकङते हैं नही मानते अपनी गलती को बस झूठ पे ही झूठा दावा करते हैं ये ही हैं वो जङ विनाश की ,भविष्य में ग़लतियों के ये ही तो पोषक और प्रेरक बनते हैं ..अपनी झूठी शान के लिए बीज बुराई का वो बोते हैं ..………


शिष्ट ऐसे नही होते जो हो गयी गलती स्वीकार् उसको करते हैं भविष्य न हो ख़राब मेरे एक झूठ से इस बात से वो डरते हैं अपनी छवि पर थोड़ा दाग भी लग जाए तो कोई गम नही नस्ल भविष्य की न ख़राब हो ये ध्यान वो रखते हैं ये ही तो वो सूरवीर हैं जो समाज को उन्नति की और अग्रसर करते हैं ..……………………………………


वरना झूठी शान पर अपनी ग़लतियों पे पर्दा डालकर पैसे की आङ में समाज की प्रगति को डसने वाले इंसान बहुत मिलते हैं  छोटे से स्वार्थ के लिए बेशक़ीमती ईमान भी दांव पर लगाने से नही घबराते हैंं ........


झूठी शानवाले अपनी ग़लतियों पर पर्दा बड़ा रंग़ीन लगाते हैंं फिर आँखों में भी शान का काला चसमा वो चढ़ाते हैंं झूठी वो खोखि अपनी छवि को हाई ब्रांड के कपड़ों से सजाते हैं जब नैतिकमूल्यों की बात आए तो धीरे से फूर्र वो हो जाते हैंं क्योंकि जीवन की जड़ को तो क़भी सींचा ही नही उन्होंने नैतिक मूल्यों के पानी से ,बस जीवन अपना महकाने चले खोखलें दिखावे में ..………………….


ये खोखले शान वाले शख्स सिवाय दीमक के कुछ बन नही पाते हैं समाज के लिए ,ये ही हैं जो नैतिकता को दबोचकर समाज की नयी नीव को खोखला करते जाते हैं इस झूठी चमक दमक से वो नयी नींव के प्रेरक तो बन जाते हैंं………………..


यही हैं विधवंशकनैतिक मूल्यों के जो समाज का पतन करवाते हैं अरे शिष्ट तो अपनी एक पोशाक पे भी इतराते हैं क्योंकि नैतिक मूल्यों के अमूल्य गहनो से वो अपनी आंतरिक सम्पदा बढ़ाते हैं विधव्न्श्कारी खोखले शान वालों को ये ही साधारणपोशाक में असाधारण सम्पदा से भरे ये शिष्टलोग ही सबक़ सिखाते हैंं .......



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