स्वार्थ का महल
स्वार्थ का महल
क्यों अपनों के ही कष्ट में यूँ स्वार्थ का महल
सजा रहे हो अच्छाई और ईमान के इतिहास
को ज़िंदा रखो यारों क्यों इतिहास बेमानी का
रचा रहे हो .........
बेबसी और लाचारी का फ़ायदा जो उठाओगे
दो दिन बाद उसी जगह खड़े तुम ख़ुद ही हो
जाओगे बेबसी का फ़ायदा उठाकर लूटे पैसों
से कैसे तुम अपना परिवार चलाओगे .......
हर क़दम में बद्दुआ होगी अपने बच्चों को
इस श्राप से कैसे बचाओगे ,ख़ुद को ही इसी
बेबसी में खड़ा पाओगे ..क्या ये लूटा बेबसी
और लाचारी का धन उन्नत बनाएगा तेरा घर
आँगन,चिर चिर होकर रह जाओगे यदि किसी
की चीत्कार को फ़ायदे में तौलोगे ..........
अभी वक़्त है सुधर जाओ दया परोपकार
और ईमान से अपने घर पर दुआओं का
कवर चढ़ाओ ये समय है निकल जाएगा
पर दुआओं का असर ताउम्र पाएगा .....
लूट लूट कर जो तू पैसा घर पे ले जाएगा
आज नहीं तो कल तू बर्बादी ही पाएगा ....