अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते हैं
त्याग,समर्पण,बलिदान का,मिलकर यश गाते हैं ,
शौर्य पराक्रमी उन वीरों को..2 झुक झुक शीश नमाते हैं ,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते हैं ,
ब्रिटिश की ग़ुलामी में ,दो सौ बरस भी बितायें थे
आज़ादी की चाह में जाने ,कितने लाल गवायें थे ,
नत मस्तक हो उन वीरों को..2 झुक झुक शीश नमाते हैं ,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते हैं ,
काट दिये थे पंख हुनर के ,ब्रिटिश की सरकारों ने ,
हँसते हँसते प्राण गँवाये ,साहसी वीर जवानों ने ,
आज़ादी की चाह न छोड़ी ,देश भक्त परवानों ने ,
अमर हो गये उन वीरों को ..2 श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं ,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते हैं ,
भारत हुआ आज़ाद ,पड़े थे खाने के भी लाले,
पाँच करोड़ टन था खाद्यन और पैंतीश करोड़ खाने वाले ,
शास्त्री जी घबरायें और आव्हान लगाया….२
पेट पे बाँधो रस्सी और खाओ सब्ज़ी ज्यादा ,
हर हफ़्ते एक उपवास से ..२सब देश का मान बढ़ाते ,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते हैं ,
बदले दिन हुआ परिवर्तन ,भारत बन गया निर्यातक ,
चाँद पर लहराया तिरंगा ,सैन्य संगठन बढ़ाया ,
खाद्धान उत्पादन में भारत ..२ अब दूसरे नंबर आते,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते हैं ,
विश्व कप की ट्रॉफ़ी पर ,भारत ने किया हैं राज ,
ओलंपिक में पदक हैं पाये ,हुनर को मिला आकाश ,
अंतरिक्ष पर भी पहुँची बहने,तोड़ के चार दिवारी,
देख देख उपलब्धि अपनी ,हम मन ही मन हर्षाते,
आज़ादी का अमृत महोत्सव मिलकर आज मनाते है।