रिश्ता ही तो है
रिश्ता ही तो है
किसी से प्रेम का रिश्ता
किसी से दर्द का रिश्ता ,
किसी से अहसास का रिश्ता
तो किसी से आस का रिश्ता
क्या फर्क ... रिश्ता ही तो है !
कोई रहे अरमानों की तरह
कोई रहे एहसानों की तरह
कोई आये याद ज़ख़्म की तरह
कोई आये बन मरहम की तरह
कोई मतलब फितरत का रिश्ता
तो कहीं पाक इबादत का रिश्ता
क्या फर्क .. रिश्ता ही तो है !
कोई दिल में बसा रहबर की तरह
कोई नासूर बना दुश्मन की तरह
कहीं लोभ ईर्ष्या ने डाले डेरे ,
ज्यूँ चंदन को विषधर घेरे
कहीं पानी और प्यास का रिश्ता
कहीं धड़कन और सांस का रिश्ता
क्या फर्क .....रिश्ता ही तो है !
निरन्तर चलता जीवन का ताना बाना,
लगा हुआ है ..आना जाना
कभी रूठना...कभी मनाना
जीवन के नित... राग सुनाना
कोई सुंदर तो ...कोई कुरूप
कोई कटु तो ...कोई मधुर
कोई अहंकार को समझे शान,
किसी की छू लेती मुस्कान
मजबूरियों का ..लाचारियों का रिश्ता
हौसलों और जिम्मेदारियों का रिश्ता
क्या फर्क ..रिश्ता ही तो है !