तेरे एहसानों कर्ज़ मां, उतारा जा नहीं सकता , तुम्हें शब्दों के तरकश में, सजाया जा नहीं तेरे एहसानों कर्ज़ मां, उतारा जा नहीं सकता , तुम्हें शब्दों के तरकश में, सजाया...
कोई रहे अरमानों की तरह कोई रहे एहसानों की तरह कोई रहे अरमानों की तरह कोई रहे एहसानों की तरह