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Suresh Koundal 'Shreyas'

Abstract Others

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Suresh Koundal 'Shreyas'

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माँ के आंचल की छांव

माँ के आंचल की छांव

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माँ तेरे प्यार भरे आँचल की छाँव में ,

जन्नत का सुख मिले, यहीं इस जहां में।


तेरी गोद की वो, ममतामयी तपन,

आराम पा जाता, मेरा व्यथित मन।


तूने मुझे निखारा, मेरा जीवन सँवारा ,

गलती पर डांटा, कभी प्यार से पुचकारा।


जब कभी मैं हारा, मेरी हिम्मत बढ़ाई,

मुझको गले लगाकर, मेरी पीठ थपथपाई।


मेरी आँख का हर आंसू, अपनी आंख में उतारा,

अपनी मुस्कुराहटों को, मेरी ज़िंदगी पर वारा।


सुलाने को मुझको, मां तू रात भर है जागी,

मेरे लिए माँ तूने, कई ख्वाहिशें त्यागीं।


परिवार के लिए मां तू, कितना कष्ट उठातीं ,

सबका पेट भर कर, फिर निवाला खातीं।


तेरे एहसानों कर्ज़ मां, उतारा जा नहीं सकता ,

तुम्हें शब्दों के तरकश में, सजाया जा नहीं सकता।


तेरी दुआओं से प्यारा, न इस जहां में कोई चमन ,

तमन्ना है ये मेरी मां, तेरी कोख से लूँ मैं हर जन्म।


माँ तेरा स्पर्श है ऐसा, जैसे सुगंधित चंदन ,

तेरे चरणों में मेरी माँ, मेरा कोटि कोटि वंदन।

तेरे चरणों में मेरी माँ, मेरा कोटि कोटि वंदन।।


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