रात पे इल्ज़ाम
रात पे इल्ज़ाम
कुछ पल के इंतज़ार के बाद
कुछ हसीन लम्हों के
गुज़र जाने के बाद
फिर से रात आई है,
काली चादर ओढ़ के
मीठे सपनों की दुनिया लाई है,
सपनों में तुम खो न जाना
हक़ीकत है कुछ और
ये भूल न जाना,
कुछ पल के लिए
दिल को सुकून दे जाती है
ग़म और परेशानियों से
कोसों दूर ले जाती है,
रात को किसी बात का
इल्ज़ाम न देना
वो तो,
सूरज की किरणों को एक
नई दुल्हन की तरह सजा कर लाती है...