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ज़िंदगी का सफ़र

ज़िंदगी का सफ़र

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आज का दिन कितना सुहाना है

कितना नया कितना पुराना है

ना जाने क्या होगा कल

ये किसने जाना है!

 

कुछ पल के साथ ये भी गुज़र जाएगा

और नयी यादें दे जाएगा

हँसते हुए पल याद रहेंगे

गम साथ-साथ चलेगा!

 

ना जाने साथ कब तक रहेगा

कितना खट्टा कितना मीठा रहेगा

नये लोग आएगे ज़िंदगी में

पुरानों का साथ हमेशा रहेगा!

 

कब छूट जाए ये साथ ही तो है

कितना अपना कितना बेगाना रहेगा

बहुत से सवाल बाकी है ज़िंदगी में,

 

सवालों पे सवाल मिलते रहेंगे

जवाब देने वाला कोई नहीं

ऐसे ओर कितने सवाल मिलते रहेंगे!

 

कब छूट जाए इस ज़िंदगी से साथ

कल का कुछ ठिकाना नही

ऐसे ही पल आते रहेंगे

ओर जाते रहेंगे!

 

ये ज़िंदगी का साथ कितना सुहाना-सा है

कितना वफ़ा बेफावा-सा है!


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