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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Fantasy Comedy

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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Fantasy Comedy

रात के दो पहर ही होते हैं

रात के दो पहर ही होते हैं

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रात के दो पहर ही होते हैं, एक में हम तनहा होते हैं,

और दूजे पहर की तन्हाई में, हम अपने नैन भिगोते हैं,

 

कुछ सरसराहट छू जाती है, इस सावन के मौसम की,

और कभी अगले ही पहर, अचानक बूंदा-बांदी होती है,

 

रात के दो पहर ही होते हैं, एक में हम तनहा होते हैं,

 चल पड़ता है फिर मन, नई उंमगो के साथ छूने आसमान,

 

और जब दिखता है सुना अम्बर, दिल भी हो जाता है वीरान,

मिलती है जब नज़रो से नज़रे, कुछ सवाल खत्म हो जाते हैं,

 

और झुक जाती है जब नज़रे, हर इलज़ाम कलम हो जाता है,  

रात के दो पहर ही होते हैं, एक में हम तनहा होते हैं...


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