राम राज्य
राम राज्य
ऐसी है हमारी राम राज्य ...
करे आराधना राम की और आत्मिक सुधार
राम राज्य की परिकल्पना तभी होगी साकार ,
बातें सुनी थी मैंने राम राज्य की
कभी न समझी थी इसे,
इतनी मशहूर क्यों है राम कथा
पुछा मैं ने माँ से, सहर्ष होकर कहा माँ ने
और सुना मैं ने सहर्ष से,
मीठे वचनों से समझाया माँ ने,
सत्य, धर्म राम की गाथा
राम राज्य था रामजी का, था इसमें यश, गुणगान की बातें
पिता के वचन को सर आंखों में रखकर लिया वनवास,
किया सत्य की रक्षा माता कैकयी की आदेश न मान कर
थे बलवान वे भातभावना, स्नेह प्रेम में
न करते थे भेद भाव राजा प्रजा में, और न धनी गरीब में
बन गया पुरुषोत्तम पत्नीव्रता पालन करके,
किया प्रतिष्ठा सत्य धर्म का, रावण को किया नाश
मोक्ष दिलाया अभिशप्त राक्षसों को
पैर छू कर सजीव हुआ निर्जीव पत्थर
गुरु भक्ति प्रेम श्रेष्ठता का दिग्दर्शन है उनका आचरण
न था और न होगा उन जैसा दया, प्रेम भाव नीति के आदर्शों में
न ही छूत अछूत और न ही भेद भाव किया उन्होंने,
खाया शबरी का जूठा ,
गुजरेगी रात और होगी सुबह, खत्म न होगी उनकी गाथा
पुजा पाते रहेंगे वे सालों साल, गुजरेंगे वर्ष और बितेगी युग,
अमृत स्वरोंं में सुनाया माँ ने मुझे
सुन के माँ से भगवान रामजी की गाथा सार्थक हुआ जीवन
मेरा, ऐसी थी हमारी राम राज्य ,
करें आराधना राम की और आत्मिक सुधार
राम राज्य की परिकल्पना तभी होगी साकार .....