दीवानी.. मैं तेरी दीवानी धरा व गगन का रूहानी मिलन होता है। दीवानी.. मैं तेरी दीवानी धरा व गगन का रूहानी मिलन होता है।
हो सके तो खंगालकर लाना सारी कविताएं आत्मिक प्रेम की !! हो सके तो खंगालकर लाना सारी कविताएं आत्मिक प्रेम की !!
पर मन और आत्मा के दाग को कहाँ मिटाया जा सकता है ! पर मन और आत्मा के दाग को कहाँ मिटाया जा सकता है !
जितने भी कटु हों, वे कटुता से निकल जाएं, कटुता कटी सी रह जाए। जितने भी कटु हों, वे कटुता से निकल जाएं, कटुता कटी सी रह जाए।
पिता के वचन को सर आंखों में रखकर लिया वनवास, पिता के वचन को सर आंखों में रखकर लिया वनवास,
सखी होली है जरा सुने क्या कहते हैं ये रंग। सखी होली है जरा सुने क्या कहते हैं ये रंग।