क्या दाग अच्छे हैं ....
क्या दाग अच्छे हैं ....
विज्ञापन की भाषा में
दाग अच्छे हैं
दाग जो सर्फ से मिट जाता है !
वह अच्छा कहलाता है !
क्योंकि वह बाजार का
हिस्सा है
वह बिकता है
वह आकर्षक दिखता है !
पर गौर से देखें
कि दाग वाकई अच्छे हैं
या विज्ञापन देने वाले
क्या बहुत सच्चे हैं !
एक तरफ दाग की बढाई
दूसरी ओर नो मार्क की क्रीम
वहाँ चेहरे के दाग को
बेदाग बनाना है
वहां दाग के लिए कोई
जगह नहीं
चेहरा सुंदर हो !
चेहरे के दाग को
चेहरे को खूबसूरत होना ही चाहिए !
अब बाज़ार में उपलब्ध
है बहुत सी क्रीम !
बहुत से सौंदर्य प्रसाधन
क्योंकि समाज के लिए
एक कसौटी है सुंदर
चेहरा !
सोचो एक ही समय में
दो अलग अलग बात
ये तो बड़ा ही है आघात !
क्योंकि समाज तो
चंद्रमा की चांदनी को
न देखकर उसके दाग की चर्चा करता है !
ये समाज रूप की
बात सुंदरता की
बात करता है जबकि
गुणों की अनदेखी होती है !
दाग धब्बे तो कभी भी
अच्छे न माने जाते हैं !
सुना होगा कबीर भी कह
गए कि लागा चुनरी में
दाग छुपाऊँ कैसे !
अब जबकि आधुनिक
युग में हम जी रहे हैं !
फिर भी दाग से डरते हैं
ये दाग चेहरे पर हो
कपड़े पर हो !
तो उनसे मुक्ति चाहते हैं
पर काश कि ये सोचते !
की आत्मा पर जो दाग
लगे हैं क्या उन्हें
मिटाने के लिए हम कुछ
करते हैं !
आओ अपनी आत्मा की
आवाज़ को सुनें
और लोगों के गुणों को गिने !
क्योंकि शरीर के दाग
और कपड़े के दाग से
निजात पाया जा सकता
है !
पर मन और आत्मा के
दाग को कहाँ मिटाया जा सकता है !