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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Abstract

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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Abstract

सुनो कवि

सुनो कवि

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सुनो कवि..

कर सकते हो तो करो

तुम रास्ता दिखाओ

कागज़ों में दुबकी सभ्यताओं से ,

परिचित कराओ युवा पीढ़ी को

पुरातत्व होने के मायने ,

सिखाओ उन्हें भी कि

बुरा नहीं है प्राचीन होना ,

बुरा है, प्राचीन को सिर्फ प्राचीन ही समझना

हमेशा ,

उनके समक्ष प्रस्तुत करो

अधमिटे दस्तावेज

जिनका पूरा किया जाना बाकी है अभी !!


सुनो कवि..

कर सकते हो तो करो आविष्कार

ऐसी आग का

कि जिसका धुंआ कभी जहर न घोले

हवाओं में !!


सुनो कवि..

यदि पुनर्जीवित कर सकते हो 

पुरानी सभ्यताओं को 

तो इसकी खबर मुझे जरूर देना ,

देखना चाहूंगी कि 

कहां तक पहुंचाएगा मनुष्य को

ये पहिए का आविष्कार !!


सुनो कवि..

पढ़ सकते हो तो जरूर पढ़ना

वो दीवारों में जड़ी हुई प्रेम कहानियां ,

सिर्फ देह का स्पर्श नहीं

मन को छू जाना होता है प्रेम

हो सके तो खंगालकर लाना

सारी कविताएं

आत्मिक प्रेम की !!


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