माँ
माँ
माँ तू सबसे प्यारी है
माँ तू सबसे न्यारी है
माँ तू भगवान की सबसे सुन्दर रचना है
माँ तू दिल के अंदर है
माँ तू ममता की मूरत है
माँ तू समता की सुरत है
माँ फूलों की संगत है
माँ सपनों की सुनहरी कल्पना है
माँ से दूर न रहना है
माँ के साथ पूरी उम्र बिताना है
माँ ने यह उपकार किया है
माँ ने हमको जन्म दिया है
माँ के बगैर घर लगता है कब्रिस्तान
शख्त दिलों को करती है मोम
दुनिया में सारी हस्तियों में सिर्फ माँ है
माँ की मोहब्बत हकीकत की आईनादार है
माँ की हमदर्दी का तौका रखने के बजाये
माँ का हमदर्द बनकर रहना चाहिए
यूँ तो ईश्वर की हर रचना को शब्दों के सहारे जोड़ते हैं
पर जब बात तूम्हारी आती है माँ , तो न जाने क्यों मन के भाव
शब्दों के अभाव में कहीं दफ़न से हो जाते हैं
हक अदा कर सकूं , इतनी रहमत अदा करना
मेरे दिल की हर आवाज, तासीर हो माँ तेरे दिल पर यूँ
उम्र मेरी लग जाये तुझे माँ, इतनी रहमत अदा करना ।"