My Dad My Hero
My Dad My Hero
लोग कहते हैं कि माँ के कदमों के नीचे जन्नत है
तो उसी जन्नत के दरवाजा होते हैं पिता
एक दूसरे के दोनों ही है साथी
माँ पेट में नौ महीने रखती है तो
जिन्दगी भर की मुश्किलों से साथ निभाते हैं पिता
बच्चे को जन्म देकर खुश होती हैं माँ
उसी बच्चे को पहली बार गोद में लेकर गर्वित होते हैं पिता
जादू नगरी के हैं वह राजा हर बेटी केलिए
शहजादी बनाकर रखते हैं दिल में वह हमेशा केलिए
पिता की उंगली पकड़ना , कंधे पर बैठकर मेला घुमना
उनके पैरों में पैर डाल कर चलना, मानों सारे काँटों से बचाने को
पीठ पर बैठकर तैराकी सिखना, पहली बार हाथ पकड़कर स्कूल जाना
खुद फटे पुराने कपड़े पहनते लेकिन पहनाते मुझे नये नये कपड़े
कभी पैदल तो कभी साईकिल में जाते वह, भेजते हैं मुझे हमेशा गाडिय़ों
खुन पसीना एक कर देते हैं मेरे बाबूजी, कभी मुझे उफ तक करने नहीं देते
मेरी जिंदगी की हर मोड़ पर साथ है मेरे बाबूजी
फिर चाहे वह मेरी पहली बार स्कूल में कदम रखने
या फिर मेरी पहली बोड परीक्षा हो
फिर चाहे मेरी नौकरी की जायनिंग में हो
या फिर शादी की मंडप में मेरा साथ देके
हर वह फैसलों में दिया मेरा साथ
चाहे गलत हो सही हो , कभी न करते मुझे उदास
बेवजह मेरे लिए माँ से लडजाना,
" मेरी खुशियाँ खरीदने में मेरे बाबूजी खर्च हो गये "
शुक्रिया शब्द न जाने हम कहते हैं कितनों को
जिसनें हमें दुनिया के काबिल बनाया, हम कभी न बोल पाए उन्हे
बाबू जी की हर दुआओं में रहती खुशी हमारी
मेरी उम्र भी लग जाये उन्हे यही दुआ है हमारी।