राखी
राखी
सुबह मुहूर्त शुभ अक्षत पुष्प थाली साजे
आओ बाँधे राखी भैया! कौन बुलाता है ?
कहीं फँस जाने पर यदि कहीं देर हुआ
खरी-खोटी, बुरा-भला कौन सुनाता है।
तिलक लगाते हुये आरती उतारती तो
मन ये आमोद में फूले न समाता है।
राखी जब भाती है कलाई मेरे बहनों की
जिम्मेदारियों का नया खून बन जाता है।