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Archana Tiwary

Classics

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Archana Tiwary

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राधा सी

राधा सी

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कृष्ण तेरे सा न बन मैं

राधा सी बनाना चाहती हूँ

तुम्हें तो सारे जहाँ की फ़िक्र

मेरा तो बस तू ही तू


दोस्त सखा बंधु 

जो भी कह

पुकारू तुझे

बस एक आवाज़ पर

दौडे चले आना


तुझ बिन सूना लगता ये जग

तुझ से मिल कर हो जाती मैं पूर्ण

बंसी की तानों में हूँ मैं

यमुना की बहती धारा में मैं


हिंडोले में संग संग बैठ तेरे

जीवन के प्यास कीआस जगी

राधा सी बन अब

इठलाने की, इतराने की

अतृप्त इच्छा कर दो पूरी


तेरे सी बन सब में बंट न पाऊँगी

राधा सी बन केवल तेरा 

बन कर ही मिट जाना है।


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