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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

प्यासा

प्यासा

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जिंदगी की इस सफर में,

गुजर रहा हूँ मैं,

तेरी याद दिल में आते ही,

तन्हा रहा हूँ मैं।

रात विरानी बीत रही है,

अंधेरा छा गया है,

चांद सा चेहरा तेरा चमका दे,

उजला चाहता हूँ मैं।

सूनसान है ये शहर की गलियाँ,

शौक का आलम फ़ैला है,

रूमझूम करके आजा जीवन में,

महफ़िल सजाऊंगा मैं।

न तड़पा और न तरसा तू, 

प्यार का प्यासा हुआ हूँ, 

तू अगर आ जाये तो प्यार की,

शहनाई बजाऊंगा मैं।

तेरे प्यार का दीवाना बना हूँ,

इंतजार तेरा करता हूँ, 

दिल मेरा खुला है "मुरली",

तेरी बांहों में समाऊंगा मैं।



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