प्यार
प्यार
पिता के दुलार में दिखता है प्यार।
माँ के डांँट से झलकता है प्यार।
भाई की शैतानी से छलकता है प्यार।
बहन के विश्वास में पनपता है प्यार।
पति की आँखों में उमड़ता है प्यार।
बच्चों की रूप में सजता है प्यार।
ननद के छेड़खानी से खनकता है प्यार।
देवर की ठिठोली से चमकता है प्यार।
सास के तानों में भी,
कहीं न कहीं छिपता है प्यार।
सारे रिश्तों को जोड़ के रखे,
उसी एहसास का नाम है प्यार।

