शब्द रूपी मोती से। वाक्य रूपी माला बनाई।। मेरे लिखे शब्दों में हैं। अर्थ रूपी समंदर समाई।।
तुम ढूंढो न मुझे, क्योंकि छुपी हूँ मैं। <br><br><br>हाँ ! <br>कहती हूँ प्यार नहीं तुमसे, <br>क्योंकि... तुम ढूंढो न मुझे, क्योंकि छुपी हूँ मैं। <br><br><br>हाँ ! <br>कहती हूँ प्यार नही...
एक बार जो खुश हो जाऊं।<br>दुनिया अपनी छोड़ कर आऊं।<br>हर बार तुमको मैं बचाऊं। <br>तेरे लिए खुशि... एक बार जो खुश हो जाऊं।<br>दुनिया अपनी छोड़ कर आऊं।<br>हर बार तुमको मैं बचाऊं।&nb...
पिता के दुलार में दिखता है प्यार। माँ के डांँट से झलकता है प्यार। <br> &nbs... पिता के दुलार में दिखता है प्यार। माँ के डांँट से झलकता है प्यार। <b...
दोस्त नहीं मेरा कोई तुम मेरे मित्र बनोगे क्या ? मेरी गलतियां नजरअंदाज कर दोस्त नहीं मेरा कोई तुम मेरे मित्र बनोगे क्या ? मेरी गलतियां नजरअंदाज कर
बुझोगे तो जानूंगी। शातिर तुमको मानूंगी। &nbs... बुझोगे तो जानूंगी। शातिर तुमको मानूंगी।  ...
मैं हूं चंचल थोड़ी अल्हड़। अकेले रहना न मुझको भाता, सबको परेशान कर बड़ा मज़ा आता। मैं हूं चंचल थोड़ी अल्हड़। अकेले रहना न मुझको भाता, सबको परेशान कर बड़ा मज...