पहेली
पहेली
बुझोगे तो जानूंगी।
शातिर तुमको मानूंगी।
एक बार में समझ न आऊं।
दूजी बार में सिर घुमाऊं।
तिजी बार जो पूछोगे,
और भी ज्यादा उलझोगे।
चौथी बार में जो न समझे,
वे तो फिर उपहास हैं बनते।
अब बताओ नाम हमारा।
देखूंँ कितना ज्ञान तुम्हारा।
शायद तुम समझ नहीं पाए!
अब क्या तुमको और सताए।
तुमको अपना नाम बताऊं।
अब न तुमको और तरसाऊं।
खुशियों की सहेली हूं।
मैं तो एक पहेली हूं।
