प्यार
प्यार
मैं बोलती रही
वो सुनते रहे
न बात बढी
न कभी प्यार घटा ।
जब से वो बोलने लगे
मैं सुन न सकी
तब बात बढने लगी
और ..प्यार घटने लगा ।
अब, हम दोनों बोलने लगे
पड़ोसी .. मजे से सुनने लगे
बात फैलने लगी
हम घबराने लगे ।
दिल से दिल में बात शुरू हो गयी
अंदर आग फिर से सुलगने लगी ।
अब मैं कहने लगी
चुपचाप वो सुनने लगे
बात अपने आप सिमटने लगी
प्यार.. लबों से..
फिर छलकने लगा ।