प्यार नहीं है
प्यार नहीं है
मेरी बातों पे तुम्हारा हंसना भी अब झूठा ही लगता
दिल में हमेशा तुम्हारा ही खयाल रहता
और तुम्हारी कहनी में मेरा जिक्र तक ना होता।
अचानक बातें यूँ बीच छोड़ चले जाते
और कभी घंटों अपनी कहानियाँ सुनते हो
मेरे साथ वक्त बिताना हो पसंद करते
या बस किसी तरह समय निकालते हो।
तुम्हें पता तक नहीं जो तुम्हारी
हर चीज मुझे हैं असर करती
पता नहीं क्या रिश्ता है ये या हैं भी नहीं
तुमसे कीसी चीज़ की उम्मीद तो नहीं।
क्योंकि तुम से ये बातें कर सकूं
इतनी शायद मुझमें हिम्मत नहीं
या मेरे लिए उसकी अभी जरूरत नहीं
तुम्हारी राह तो नहीं ताक रहे।
पर यह ना समझना कि तुम्हारा इंतजार नहीं है
चाहते तो तुम्हें बहुत है
बस यह जज़्बात अभी प्यार नहीं है।